पटना, बिहार – 28 जनवरी, 2025 – बिहार पुलिस ने वाहनों पर “प्रेस”, “पुलिस”, “आर्मी” या इसी तरह के अन्य सांकेतिक शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यह कदम उन बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है, जहां इन शब्दों का अक्सर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा आपराधिक गतिविधियों के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कई वाहनों पर इस तरह के मार्किंग पाए जाते हैं, जिनमें अक्सर पुलिस या प्रेस से जुड़े व्यक्ति सवार नहीं होते हैं। “प्रेस/पुलिस” लिखकर असामाजिक और आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा अपराध और असामाजिक कार्यों के लिए इनका उपयोग किए जाने की संभावना प्रबल रहती है। ऐसी स्थिति में, असामाजिक और आपराधिक तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने और अपराध नियंत्रण के लिए यह आवश्यक है कि “प्रेस/पुलिस” लिखे वाहनों की सूक्ष्मता एवं संवेदनशीलता से जांच कर यातायात नियमों सहित अन्य विधिक कार्रवाई की जाए।

जांच और कानूनी कार्रवाई में तेजी
आदेश में “प्रेस” या “पुलिस” लिखे वाहनों की गहन और संवेदनशीलता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इन शब्दों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और यह देखने के लिए कहा गया है कि वाहनों का उपयोग अवैध उद्देश्यों के लिए तो नहीं किया जा रहा है।
आदेश के मुख्य बिंदु:
- सख्त कार्यान्वयन: पुलिस को उल्लंघन पाए जाने पर वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है, जिसमें यातायात नियमों और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत जुर्माना और अन्य कानूनी उपाय शामिल हैं।
- संबद्धता का सत्यापन: आदेश में ऐसे शब्दों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों की वास्तविक संबद्धता को सत्यापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि दुरुपयोग को रोका जा सके।
- सुरक्षा चिंताओं का समाधान: इस कार्रवाई का उद्देश्य झूठे मार्किंग वाले वाहनों के इस्तेमाल को असामाजिक और आपराधिक गतिविधियों के लिए रोकने और इस प्रकार सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ाना है।

व्यापक संचार
यह आदेश राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों, जिनमें अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक और रेलवे पुलिस अधीक्षक शामिल हैं, तक परिचालित किया गया है, जिससे आदेश का समन्वित और व्यापक कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
जनता से अपील
बिहार पुलिस ने जनता से भी सतर्क रहने और ऐसे मार्किंग वाले किसी भी संदिग्ध वाहन के बारे में नजदीकी पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करने का आग्रह किया है, ताकि उनके प्रयासों को और मजबूती मिल सके और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिल सके।
बिहार पुलिस की इस निर्णायक कार्रवाई से इन शब्दों के दुरुपयोग पर काफी हद तक अंकुश लगने की उम्मीद है, जिससे अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी और बिहार के नागरिकों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
