पटना: यूपी और बिहार पर विवादित बयान देने के मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

पटना, 22 जनवरी 2025: राजधानी पटना के सिविल कोर्ट में आज दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया गया। यह मामला 9 जनवरी 2025 को केजरीवाल द्वारा यूपी और बिहार के लोगों को ‘फर्जी वोटर’ कहे जाने से जुड़ा है। इस बयान से न केवल राजनीतिक हलकों में हंगामा हुआ, बल्कि बिहार और यूपी के नागरिकों की भावनाएं भी आहत हुईं।
बबलू कुमार का बयान:
वकील बबलू कुमार ने बताया कि केजरीवाल का बयान निराधार था और यह बिहार तथा यूपी के लोगों की इज्जत को नुकसान पहुँचाता है। इसके बाद उन्होंने पटना सिविल कोर्ट में बीएस 356 के तहत परिवाद पत्र दायर किया। उनका मानना है कि यह बयान दोनों राज्यों के नागरिकों के लिए अपमानजनक है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुनवाई की तारीख:
बबलू कुमार ने आगे कहा कि राज्य के कई नेताओं और नागरिकों ने इस बयान के खिलाफ विरोध किया। इसी के चलते, वे अदालत में यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए। इस मामले की सुनवाई 21 जनवरी 2025 को सीजीएम कोर्ट में होगी, जिसमें फैसला लिया जाएगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।
राजनीतिक और कानूनी परिप्रेक्ष्य:
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ‘आम आदमी पार्टी’ ने इस बयान को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा बताते हुए इससे खुद को अलग किया है। हालांकि, यह मामला अब कानूनी जांच का विषय बन चुका है और पटना सिविल कोर्ट में इसकी गंभीर सुनवाई की जाएगी।
यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या नेताओं को अपने बयानों में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर जब वे ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बोलते हैं, जो जनता की भावनाओं से जुड़े होते हैं।
